नमः ॐ विष्णु पादाय, कृष्ण पृष्ठाय भूतले,
श्रीमते भक्ति वेदांत स्वामिन इति नामिने ।
नमस्ते सारस्वते देव्यै गौर वाणी प्रचारिणे,
निर्विशेष शून्य-वादी पाश्चात्य देश तारिणे ।।
जय श्री कृष्ण चैतन्य, प्रभु नित्यानंद
श्री अद्वैत, गदाधर, श्रीवास आदि गौर भक्त वृन्द ।।