Happiness can only be achieved when there is peace
कृष्णभावनाभावित हुए बिना शान्ति की कोई सम्भावना नहीं हो सकती | श्री मद भगवद्गीता में इसकी पुष्टि की गई है कि जब मनुष्य यह समझ लेता है कि कृष्ण ही यज्ञ तथा तपस्या के उत्तम फलों के एकमात्र भोक्ता हैं और समस्त ब्रह्माण्ड के स्वामी हैं तथा वे समस्त जीवों के असली मित्र हैं तभी उसे वास्तविक शान्ति मिल सकती है |