आध्यात्मिक तत्व से पायें अपना पूर्ण व्यक्तित्व
हमारे मुख्य पाठ्यक्रम
अंतर्राष्ट्रीय भगवद् गीता अध्ययन केंद्र
श्रील प्रभुपाद की इच्छा को पूर्ण करते हुए, GIVE भगवद् गीता अध्ययन के लिए अंतर्राष्ट्रीय केंद्र की स्थापना करने का इच्छुक है। इस केंद्र का एकमात्र उद्देश्य भगवद् गीता के ज्ञान को सम्पूर्ण विश्व में प्रसारित करना है, बिलकुल वैसा ही जैसा कि हमारे सतत प्रेरक और उद्धारक श्री श्रीमद् ए.सी. भक्तिवेदान्त स्वामी ठाकुर श्रील प्रभुपाद द्वारा निरूपित किया गया है। प्रभुपाद हमेशा एक ऐसा केंद्र स्थापित करना चाहते थे जहां भगवद् गीता तथा अन्य वैदिक साहित्यों पर आधारित आध्यात्मिक शिक्षा सम्पूर्ण विश्व को दी जाये, क्योंकि कोई भी विश्वविद्यालय, कोई भी संस्थान, कोई भी विद्यालय आत्मा का अर्थात आध्यामिक ज्ञान नहीं दे रहा है। उनके कदमों पर चलने और उनकी इच्छा पूरी करने के लिए हम इस प्रकार का केंद्र बनाने की इच्छा रखते हैं, जो न केवल समाज में आध्यात्मिक ज्ञान को व्यवस्थित रूप से प्रचारित करेगा अपितु सामान्यजन को इसके लिए शिक्षित करेगा कि इस महान विज्ञान का अभ्यास दैनिक जीवन में करें तथा अपने जीवन को सफल, सुखी तथा शांतिमय बनायें।
विस्तार से देखेंहमारी गतिविधियाँ
गंभीर,उत्साही तथा कृष्ण कृपापात्र श्री वृंदावनचंद्र दास जी तथा उनके शिष्यों की टीम, स्वामी ठाकुर श्रील प्रभुपाद की प्रेरणा से आध्यात्मिक क्रांति की मशाल से दुनिया को प्रबुद्ध कर रहे हैं, जिससे सभी गंभीर जीवात्माओं को स्वयं के आध्यात्मिक विकास के लिए यह दुर्लभ अवसर प्राप्त हो रहा है। इन गतिविधियों में निम्नलिखित बिंदु सम्मिलित हैं-
- संगोष्ठियाँ
- वेबिनार्स (Webinars)
- व्याख्यानों तथा प्रश्नोत्तरियों का सीधा प्रसारण
- युवाओं के बीच प्रचार
- सीडी तथा पुस्तक वितरण
- सामूहिक कार्यक्रम
- आवासीय पाठ्यक्रम
- व्यक्तित्व विकास प्रतियोगिताएं
- टॉक शो (Talk Show)
आप भी इससे कैसे लाभ उठा सकते हैं ?
हमारा प्रथम चरण प्रारम्भ होता है SQ Test से , जो है आपके आध्यात्मिक ज्ञान को मापने की परीक्षा
यह अद्वितीय परीक्षा देकर अपने आध्यात्मिक स्तर की जाँच करें और हमारे आध्यात्मिक विशेषज्ञ गुरुजी से इसमें सुधार के क्षेत्रों को जानें। एक नई यात्रा पर जाने के लिए अपना पहला कदम आगे बढ़ाएं, जिसे आप सदा से खोज रहे हैं - जो है वास्तविक, असीमित, और शाश्वत आनंद ।
आपके परिणाम – हमारे सुझाव
श्री वृंदावनचंद्र दास जी की अध्यक्षता में हमारी टीम आपको SQ Test Result के आधार पर सटीक और गंभीर सुझाव देगी ताकि यह आपके वर्तमान आध्यात्मिक स्तर के लिए उपयुक्त हो, आपके आध्यात्मिक जीवन की प्रगति, और जीवन के अंतिम लक्ष्य को प्राप्त करने के में सहायक हों - जो है दिव्य भगवत्प्रेम!
एक विद्यार्थी के रूप में नामांकन करें
आप हमारे सुझावों के अनुसार निर्धारित आध्यात्मिक पाठ्यक्रम का चयन कर सकते हैं जो पूर्ण रूपेण SQ Test Result पर आधारित हैं। पाठ्यक्रम हमारे शिक्षा गुरु, श्री वृंदावनचंद्र दास जी द्वारा दिए गए ऑडियो-वीडियो व्याख्यान के रूप में उपलब्ध हैं, जो कि श्रीमद् भगवद् गीता और श्रीमद् भागवतम् की शिक्षाओं पर आधारित हैं, जिन्हें वैदिक ज्ञान के असीमित महासागर का सार माना जाता है।
अभी नामांकन करेंप्रशिक्षक की नियुक्ति
हम आपके लिए विशेष रूप से एक प्रशिक्षक को नियुक्त करेंगे जो आपसे नियमित रूप से संपर्क में होंगे और जिनकी सहायता से आप अपने व्यक्तित्व को पूर्ण करने की यात्रा आरम्भ कर सकते हैं।
आज सम्पूर्ण मानव सभ्यता तथाकथित ज्ञान का दावा करती है जिसके माध्यम से यह समझा जाता है कि पूर्वकालीन समय की तुलना में आज के समय में अत्यधिक तीव्र विकास हुआ है, जिनमे सम्मिलित है : शैक्षणिक संस्थान, वैज्ञानिक अनुसन्धान केंद्र, अस्पताल, परिवहन इत्यादि ।
किन्तु अफसोस! ये सभी विकास या सुधार उस तत्व को खोजने में बुरी तरह से असफल रहे हैं, जिसकी खोज मनुष्य अनंत काल से कर रहा है - दिव्य शांति और आनंद । जब तक मनुष्य अपने अस्तित्व का उद्देश्य, इस ब्रह्मांड के अस्तित्व का उद्देश्य नहीं जान लेता तब तक उसके सभी प्रयासों का एकमात्र परिणाम विफलता ही है। मनुष्य के अस्तित्व का उद्देश्य स्वयं को जानने से आरम्भ होता है। यह आध्यात्मिक जीवन का प्रारम्भ है। आध्यात्मिक ज्ञान के बिना हम जो कुछ भी करते हैं, हम जो भी ज्ञान लेते हैं, वह उस चेक की तरह अधूरा है जो सैकड़ों शून्य लिए हो सकता है या हजारों शून्य लिए हो सकता है, लेकिन उसके प्रारम्भ में कोई भी शून्य से अधिक वाली संख्या मूल्य देने के लिए नहीं होती है। हमने इस भौतिक सृष्टि से आनंद प्राप्त करने के लिए अपनी व्यक्तिगत क्षमता भर अपना पूर्ण प्रयास किया है किन्तु हम लेशमात्र भी सफलता नहीं मिली । यही एक ज्ञान है जो पूर्णतः निर्दोष है, जिसमें कभी भी आनंद के समाप्त होने का प्रश्न ही नहीं है और जिसे हम सभी अनेकानेक जन्मों से चाहते आये हैं। इसलिए हम सभी को इस दुर्लभ मनुष्य जन्म का सदुपयोग करना चाहिए और इस आध्यात्मिक ज्ञान को ग्रहण कर सफलता प्राप्त करनी चाहिए ।
हम गंभीर तथा दृढनिश्चयी आध्यात्मिक जिज्ञासु योग्य अभ्यर्थियों को आध्यात्मिक जीवन जीने के लिए या एक पूर्णप्रचारक भक्त बनने में सहायता करते हैं ।
जिसमें आपको अपने जीवन को समान मनोदशा वाले भक्तों के साथ भगवान की सेवा में आजीवन लगने और अपना जीवन सफल बनाने का सुअवसर प्राप्त होता है ।
अपने व्यक्तिगत जीवन में अध्यात्म (भक्ति) का अभ्यास करने में आपकी सहायता करके, अपने पेशे और पारिवारिक पृष्ठभूमि के बीच भी भक्ति करने का सुनहरा अवसर प्रदान करने का पूर्ण एवं उचित प्रबंध है, ताकि आपका पूरा परिवार आध्यात्मिक उन्नति प्राप्ति कर पुनः अपने स्थायी तथा वास्तविक निवास स्थान – ‘भगवद्धाम’ को लौट सके।
हमारा कार्यकारिणी मंडल
कृष्ण कृपापात्र तथा प्रभुपाद के विनीत शिष्य श्री वृन्दावनचंद्र दास
संस्थापक एवं शिक्षा गुरुअवतारी कृष्ण दास
शिक्षाविद् प्रशिक्षकबी. एड., एम. एड.
सर्वज्ञ कृष्ण दास
शिक्षाविद् प्रशिक्षकबी. एड., एम. एड.
अकाम भक्ति दास
शिक्षाविद् प्रशिक्षकबी. टेक., एम. टेक.
राधा कवि दास
शिक्षाविद् प्रशिक्षकबी. टेक., एम. बी. ए.
विडियो के द्वारा हमारे संस्थापक तथा शिक्षा गुरु के विषय में और अधिक जानें
एक क्रांतिकारी व्यक्तित्व संपन्न, एक विनम्र शिष्य और कृष्णकृपामूर्ति श्री श्रीमद ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी ठाकुर श्रील प्रभुपाद के कृपापात्रदास, श्री वृंदावनचंद्र दास वैदिक ज्ञान के एक असाधारण विद्वान हैं जो श्रीमद श्रीमद् भगवद् गीता के रहस्यों पर अपने स्पष्ट एवं तर्कसंगत स्पष्टीकरण के लिए सम्पूर्ण विश्व में सुप्रसिद्ध हैं । श्रील प्रभुपाद की कृपा से, वे अनगिनत आत्माओं को एक आनंदमय जीवन के रहस्य प्रकट कर रहे हैं जिसकी खोज हम सभी को अनंत जन्मों से है । वे एक सेना अधिकारी परिवार में जन्मे, पांच सितारा होटल के पूर्व महाप्रबंधक थे, उन्होंने 1982 में भगवद्गीता के ज्ञान का प्रचार-प्रसार करने के लिए अपना जीवन समर्पित करने का निर्णय लिया और बाद में सन 2007 में गौरांग इंस्टीट्यूट फॉर वैदिक एजुकेशन - GIVE की स्थापना की। जटिल अवधारणाओं को अत्यंत ही सरल भाषा में प्रस्तुत करने की शैली, दैनिक जीवन के सर्वसाधारण उदाहरणों के साथ समझने में आसान भाषा उन्हें अपने अनुयायियों से जोड़े रखने में सहायक होती है ।
हम आपको सभी को सादरआमंत्रित करते हैं ताकि आप सभी इस ज्ञान को ग्रहणकर अपना जीवन सफल, सुखी एवं संपन्न बना सकें ।
सामाजिक जीवन
कार्यक्रम
GIVE में हम सभी विभिन्न आध्यात्मिक महोत्सवों तथा कार्यक्रमों का आयोजन समय समय पर करते हैं ताकि प्रत्येक आत्मा को भगवान और उनके भक्तों से जुड़ने और उनकी पुनीत सेवा में सम्मिलित होकर अपना जीवन शुद्ध और सफल बनाने का अवसर मिल सके ।
ब्लॉग
हम अपनी आध्यात्मिक ज्ञान पिपासा को शांत करने हेतु तथा सुखी,सफल एवं शांतिपूर्ण जीवन जीने में आपकी सहायता करने के लिए प्रामाणिक वैदिक ग्रंथों और हमारे प्रामाणिक तथा गुरु-परंपरा के महान आचार्यों की शिक्षाओं पर आधारित आध्यात्मिक सामग्री से समृद्ध ब्लॉग समय-समय पर पोस्ट करते हैं ।
ऑनलाइन व्याख्यान
अब आप हर बुधवार (प्रश्नोत्तरी सत्र) और रविवार (आध्यात्मिक प्रवचन) के सीधे प्रसारण द्वारा अपने घर परहीआराम सेफेसबुक तथायूट्यूब पर श्री वृंदावन चंद्रा दास जी के साप्ताहिक लाइव व्याख्यान देख और सुनने तथा प्रश्न करने का लाभ उठा सकते हैं !!!
सराहना पत्र
निश्चित रूप से, भगवद्गीता ज्ञान का अमूल्य ग्रन्थ है जो आपको सुनिश्चित शांति तथा जीवन में सफलता प्रदान करने में पूर्णरूपेण सक्षम है । मैंने आज तक श्री वृन्दावन चन्द्र प्रभुजी से अधिक, इस ज्ञान को समझाने में निपुण अध्यात्मिक वक्ता (गुरु) नहीं देखा । उनके समझाने का तरीका अत्यंत ही सरल, जीवन में आसानी से लगाने योग्य तथा सुगमतापूर्वक ग्राह्य है, जिसके कारण मेरे जीवन में एक सकारात्मक परिवर्तन हुआ है । मैं प्रत्येक व्यक्ति को यह सुझाव देना चाहता हूँ कि उनके व्याख्यानों को बड़े ही ध्यानपूर्वक सुने । विशेष रूप से उनके द्वारा दिए गए भगवद्गीता के 7 दिवसीय (14 घंटे) के व्याख्यानों को तो अवश्य ही सुने और सुनकर उनका पूर्ण लाभ प्राप्त करे ।
मैं विगत अनेक वर्षों से श्री वृन्दावन चन्द्र दासजी को सुन रहा हूँ । और यह मेरा सुझाव है कि परम पूज्य श्री की भगवद्गीता पर विशेष पकड़ है तथा साथ ही उनका इसे समझाने का अंदाज सर्वोत्तम तथा सरलतम है । भगवद्गीता ने मुझे भी काफी कुछ प्रदान किया है और इसके निर्देशों का जीवन में पालन करने से मेरे चारित्रिक मूल्य आपके 7 दिन के सेमिनार को सुनने के बाद अत्यंत ही व्यावहारिक हुए हैं । आपके समझाने का तरीका अत्यंत ही सुगम तथा व्यावहारिक है । आप निर्भयता पूर्वक सत्य को सभी के समक्ष रखने में दक्ष हैं । जो भगवद्गीता को समझना चाहते हैं मैं उन्हें यही सलाह देना चाहूँगा कि वे पूज्य श्री की भगवद्गीता पर 7 दिवसीय सेमिनार को अवश्य ही सुनें ।